Thursday, January 22, 2009

6) तमन्ना, ख्वाब, उम्मीदें, इरादे

ग़ज़ल
.
तमन्ना, ख्वाब, उम्मीदें, इरादे
इन्हें लेकर कहाँ जाऊं? बतादे ।
.
मैं सच्चा हूँ तो कर इकरार मेरा
मैं झूठा हूँ तो जो चाहे सज़ा दे ।
.
तू ही कातिल है और तू ही मसीहा
मुझे या ज़हर देदे, या दावा दे ।
.
जो दीवाना है, दीवाना रहेगा
इलाज उसका ना कर, उसको दुआ दे ।
.
उसी को 'दोस्त' अपना जानिएगा
जो तेरी फ़िक्र में ख़ुद को भुला दे ।
.
दोस्त मोहम्मद
जुलाई 2008

No comments:

Post a Comment